Sadhana Shahi

Add To collaction

बुरा गर किया तो बुराई मिलेगा ( नज़्म)-30-May-2024

बुरा गर किया तो बुराई मिलेगा(नज़्म ) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु

बुरा गर किया तो बुराई मिलेगा, गुरेज़ अच्छाई का करना ही होगा।

हिदायत जो गैरों को देते हो गालिब, पहल उस पर तुमको भी करना ही होगा।

मैं में जिये तो जिये क्या तू बंदे, हम खातिर तुमको तो मरना ही होगा।

सृष्टि में आके किया श्रेष्ठ ना कुछ, श्रेष्ठता का नवांकुर अब भरना ही होगा।

मुसल्लत न होवे घृणित काज कोई, अरमाँ को फलक पर तो चढ़ना ही होगा।

बुरे काम का तो नतीज़ा बुरा है, ऐ मानव! तुझे अब यह धरना पड़ेगा ।

साधना शाही, वाराणसी

   3
3 Comments

Gunjan Kamal

03-Jun-2024 01:00 PM

👏🏻👌🏻

Reply

Aliya khan

01-Jun-2024 07:52 PM

Nice

Reply

RISHITA

01-Jun-2024 07:42 PM

V nice

Reply